शुक्रवार, 11 नवंबर 2022

Voucher Types in Tally Prime


Voucher Types in Tally Prime

What is the Voucher Types in Tally Prime?

टैली प्राइम में अकाउंटिंग वाउचर क्या है?

क्या आप जानते है टेली प्राइम में अकाउंटिंग वाउचर क्या है? ओर टेली प्राइम मे अकाउंटिंग वाउचर कीतने है? तो आइए इस पोस्ट में हम Voucher Types in Tally Prime के बारे मे जानते है।

Tally Prime में Voucher क्या होता है?

Tally Prime में Voucher एक दस्तावेज होता है, जो business में हुए वित्तिय ट्रान्जेक्शन का विवरण होता है। इसे हम Journal Entry कहते है। Voucher मे business के ट्रान्जेक्शनो को पुरे विवरण के साथ दर्ज कीया जाता है।

Voucher Types in Tally Prime


Voucher Types in Tally Prime

Tally Prime मे निम्नलिखित पूर्वनिधारीत Voucher के प्रकार है।

1) Contra (F4): इस वाउचर टाइप ने बेंक के साथ किये गये व्यवहारो का विवरण होता है। इस वाउचर टाइप मे तीन तरह के ट्रान्जेक्शन दर्ज कीये जाते है।

    1. Bank to Cash:- जब आप बेंक मे पैसे डीपोझीट करते है तो इस टाइप के ट्रान्जेक्शन को 

                                Bank to Cash ट्रान्जेक्शन कहा जाता है।

    Eg. Cash Deposit in to Bank for Rs.50000

    2. Cash to Bank:- जब आप बेंक मे पैसे withdrawal करते है तो इस टाइप के ट्रान्जेक्शन को 

                                Cash to Bank ट्रान्जेक्शन कहा जाता है।

    Eg. Cash Withrow in to Bank for Rs.5000

    3. Bank to Bank:- जब आप अपने एक बेंक का चेक दुसरी बेंक में भरते है तो इस टाइप            के ट्रान्जेक्शन को Bank to Bank ट्रान्जेक्शन कहा जाता है।

   Eg. Axis Bank Cheque Deposit in to SBI Bank for Rs.40000

2) Payment (F5):- जब हम सामने वाली पाटी को किसी भी तरह का केस या चेक से पेमेन्ट करते है     तब इस वाउचर टाइप मे ट्रान्जेक्शन को दर्ज कीया जाता है।
    Eg. 1) Machinery Purchase for cash Rs. 5,00,000.
    2) Salary Paid Rs. 18,000 

3) Receipt (F6):- जब हमारे Business मे पैसा कीसी भी तरह आता है चाहे वो cash हो या cheque       तो ईस Voucher Type मे ट्रान्जेक्शन को दर्ज कीया जाता है।
   Eg. 1) Commission Received in cash Rs. 15000
  2) Brokerage Receive in cash Rs. 25000

4) Journal (F7):- जीस ट्रान्जेकशन मे केश, चेक या कीसी पाटी का नाम न आता हो तो ऐसे                ट्रान्जेक्शन की एन्ट्ररी Journal (F7) मे की जाती है,ओर अगर आप कीसीभी तरह                             की Assets Credit पर खरीद ते है तो Journal (F7) मे ईस ट्रान्जेक्शन की एन्ट्ररी की जाती है।
   Eg. 1) Goods Loss by Fire Rs. 5000.
          2) Purchase computer for Raj computers Rs. 45000.

5) Sales (F8):- जब भी आप कोई भी सामान Credit बेचते है तो एसे Credit Sales ट्रान्जेक्शन की        एन्ट्ररी आपको  Sales (F8) करनी है।
    Eg. Aflatoon Enterprises sold computers and laptops to Max Ltd for 1,00,000/- on credit.

6) Credit Note (Ctrl + F8):- जब कीसी वजह से बेचा हुआ माल-सामान वापस होता है तो आपको     ईस ट्रान्जेक्शन की एन्ट्ररी Credit Note (Ctrl + F8) मे करनी है।
    Eg. Max Ltd return computer for Rs.25000

7) Debit Note (Ctrl + F9):- जब हमने खरीदा हुआ माल-सामान हम वापस करते है तो हम एक        नोट बनाते है जीसमे हमने वापस कीये हुए माल-सामान का ब्योरा होता है  ईसे Debit Note कहते है।
 Eg. 1) Goods Return to Anurag Traders of Rs. 2,15,000.

8) Purchase (F9):- हम अपने बीजनस के लीये जीतनी भी खरीदी करते है वह सब एन्ट्रर  हमे Purchase में करनी होती है।
 Eg. 1) Purchase Goods from Imran Traders of Rs. 1,00,000.

9) Reversing Journal(F10):- इस टाइप के ट्रान्जेक्सन असर विशेष टाइम पिरीयड के लीये ही होता है, और हम उसही टाइम पिरीयड पर इसकी असर देख शकते है। यह टाइम पिरीयड पुरा होने के बाद इस वाउचर टाईप की सभी एन्ट्ररी रिवर्स हो जाती है। इस वाउचर टाइप को एकटीव करने के लीये Using Reversing Journals & Optional Vouchers option में Yes करना है।

10) Post Dated:- इस तरह के वाउटर टाइप का उपयोग भविष्य में होने वाली एन्ट्ररी करने के लीये होता है। इस वाउटर टाइप में की गइ एन्ट्ररी अपनी दी गई तारीख पर अपने आप Post Dated Entry से Regular Entry में परीवतीत हो जाती है। ईस को हम ईस उदाहरण के जरीये समज ने का प्रयास करते है की मानलो आपका कोई खर्च एसा है जो आपको हर महीने करना है जैसे की आपने 11.11.2022 को एक नया मोबाइल हप्ते से खरीदा जीसके आपको 6 हप्ते देने है तो आप इन 6 हप्तो के ट्रान्जेक्शन की एन्ट्ररी आप Post Dated वाउचर में आप पहेले से कर शकते है। जैसे ही जीस भी हपते की तारीख आयेगी वो Post Dated  वाउचर Regular वाउचर में अपने आप तबदील हो जायेगा। Post Dated  वाउचर की शोर्टकट की  Ctrl + T है।

बुधवार, 14 सितंबर 2022

Income Tax kya hai - आयकर - What is Income Tax

 


Income Tax kya hai ? - आयकर क्या है ?

Income Tax kya hai

क्या होता है इनकम टैक्स?

Income Kya hai दोस्तो आइए ईस ब्लोग में हम Income Tax क्या है? इस बारे में जानेते है आपने Income Tax के बारे मे तो सुना ही होगा, लेकिन शायद आप यह न जानते हो के आखिर Income Tax kya hai तो हम आज ईस ब्लोग में Income Tax kya hai. Income Tax कीस को ओर कब भरना है, Income Tax हमारे देश में कब लागु किया गया इसी के बारे मे सीखेगें, दोस्तो इस ब्लोग को पुरा पढीयेगा जीससे आप को Income Tax के बारे मे बहुत कुछ जान ने को मीलेगा। अगर Income Tax के बारे मे आपका कोई प्रश्र्न हे तो आप हमे कोमेंट बोक्स में बता शकते है हम आपके सवाल का जवाब देने की पुरी कोशिश करेगें।

Income Tax kya hai ?

Income Tax जीसे हम हींदी मे आयकर कहेंगे। जीसका मतलब होता है कीसी व्यक्ति की नोकरी, कारोबार या पेशे से होने वाली इनकम पर Income Tax भरना पडता है। मतलब यह है की आपको कीसी भी तरह की इनकम होती है तो उसपर आपको जो टेक्स देना है उसे हम Income Tax के नाम से जानते है।

Income Tax kya hai


Income Tax कीस को भरना पडता है?

आप भारतीय नागरीक है या फीर NRI  है, ओर आपकी पूरे साल की इनकम 2,50,000 से ज्यादा होती है तो आपको Income Tax देना होगा।

Income Tax कीसको नही भरना है?

नीचे दीए गए व्यक्तिओ को Income Taxभरने से मुक्ति दी गई है।

² यदी कीसी व्यक्ति की उंमर 60 वर्ष से कम है ओर उसकी सालाना इनकम 2,50,000 से कम है तो उसे Income Tax नही देना होता है।

  ² यदी कीसी व्यक्ति की उंमर 60 साल से ज्यादा है लेकीन 80 साल से कम हे और उसकी सालाना इनकम 3,00,000 से ज्यादा की होती है तब भी उसे Income Tax नही देना है।

   ² यदी कीसी व्यक्ति की उंमर 80 साल से ज्यादा है ओर उसकी इनकम 5,00,000 है तो उसेभी Income Tax भरने से छूट दी गई है।

   ² भारत के सभी नागरीक जीनकी इनकम 2,50,000 से ज्यादा है सभी Income Tax के दायरे मे आ जाते है लेकिन Income के कुछ एसे सोर्स हे जहां से अगर आपको इनकम होती है तो वह Income के दायरे में नही आती है मतलब इस प्रकार की इनकम पर आपको Income Tax नही देना होता है Income के यह सोर्स आपको नीचे दीये गए है।

  

1)      खेती से आने वाली Income पर आपको Income Tax नही देना है।

2)      यदी कोई कर्मचारी कीसी संस्था या कंपनी में पांच साल तक काम करने के बाद नोकरी छोडता है तब उसे ग्रेच्युटी की रकम मीलती यह इस ग्रेच्युटी की Income पर Income Tax नही लगता है। सरकारी कर्मचारी के लीये 20,00,000 तक की राशी और प्राइवेट कर्मचारी की लीये 10,00,000 तक की गेच्युटी की राशी पर Income Tax नही देना होता है।

3)      आपको मीलने वाले गिफ्ट पर Income Tax भरना पडता है लेकिन अगर आपको आपकी शादी में आपके दोस्तो या रीश्तेदारो से गीफ्ट मीला होतो ओर उसकी कीमत 50,000 से ज्यादा नही है तो इस गिफ्ट पर आपको Income Tax  नही देना पडेगा। लेकिन आयकर नीयम के अनुसार शादी के दीन कुछ खास लोगो की तरफ से आपको गिफ्ट मिलती है ओर उसकी कीमत 50,000 से ज्यादा है तब भी आपको उसपर Income Tax नही देना है। तो आईये देखते है के वह खाल लोग कोन है जो हमे हमारी शादी पर 50,000 से ज्यादा की गिफ्ट दे तब भी हमे Income Tax नही भरना होगा।

1.       पति-पत्नि से मीला गिफ्ट

2.       विरासत या वसीयत मे मीली प्रोपर्टी

3.       सगे चाचा-चाची, मामा-मामी या मोसा-मोसी से मिली हई गीफ्ट

4.       भाई बहन से मिली हुई गीफ्ट

4)      माँ-बाप या परिवार की विरासत मे मीली हुई प्रोपटी, जेवर या केश परभी Income Tax नही लगता।

5)      Income Tax कानुन के अनुसार अविभाजीत हिन्दु परिवार से मीली रकम पर भी Income Tax नही देना पडता है।

6)      सरकारी कर्मचारी अगर अपने रीटायरमेन्ट से पहेले सैव्छीक रीटयरमेंन्ट लेते है तो तब जो रकम उनको मिलती है उस रकम में से 5,00,000 तक की रकम पर Income Tax नही भरना होता है।

7)      अगर हम PPF(Public Provided Fund) में इनवेस्ट करते है तो इनवेस्ट की गई रकम, ईस रकम पर मिलने वाला व्याज ओर मैच्योरीटी पर मिलनें वाली रकम तीनो पर Income Tax नही भरना होता है।

Income Tax का ईतिहास

भारत में सर्व प्रथम Income Tax अंग्रेजो के समय में सर जेम्स विलसन के द्रारा लगाया गया था। इस के बाद 1886 मे इसमे संसोधन करके आयकर अधिनियम 1886 को स्थायी रूप दीया गया। फीर सन 1918 में उसमे संसोधन करेक नया अधीनीयम 1918 बनाया गया जो 1922 तक लागु रहा। 1922 में बनाया गया अधीनियम 1962 तक लागु रहा। उसके बाद भी उसमे बहुत सारे संसोधन करके समय समय पर उसे लागु कीया गया। उसके बाद भी बहुत सारे अधीनियम समय-समय पर लागु कीये गये है।

भारत में Income Tax के Rules कौन बनाता है?

भारत में Income Tax के Rules CBDT (Central Board of Direct Taxes) बनाता है।Income Tax उचीत प्रबंधन के लीये CBDT समय-समय पर नियम बनाता है। इन नियमों को सामूहिक रूप से आयकर नियम 1962 कहेते है।

भारत में वित्त अधिनियम (Finance Act) कैसे बनता है?

हर साल भारत के फाइनान्स मीनीस्टर द्रारा संसद मे बजट प्रारित कीया जाता है। यदी यह बिल संसद में बहुमती से पारित हो जाता है और राष्ट्रपति द्रारा उसे स्विकार कर लीया जाता है, तब जाकर भारत में Financial Act बनता है।

Tax Planning क्या है?

Tax Planning आप की टेक्स लायाबिलीटी को धटाने का एक कानुनी तरीका है। करदाता के लिए कर बचाने के विविध विकल्प उपलब्ध है। जीसमें से कुछ के बारे में हम यहां पर जानेगे।

1)      Section 80C :- Section 80C के तहत आप कुछ प्रकार के इनवेस्टमेंन्ट करके कर मे छूट पा सकेते है जैसे के लाईफ इंश्योरंन्सं, बेंक एफ.डी., पी.पी.एफ एकाउन्ट, सुकन्या समृध्धि योजना ईत्यादी में इनवेस्ट करके आप 1,50,000 तक की टेक्स कटोती पा सकते है।

2)      Section 80D:- Section 80D के तहत आप अपनी या अपने परिवार की मेडीकल पोलिसी उतार कर टेकस में 25000 तक की छूट पा सकेते है, अगर आप अपने बुजुर्ग माता-पिता की मेडीकल पोलिसी उतारते है तो आप अपन टेक्स में 50000 तक की छूट पा सकते है।

3)      Section 80CCD(1):- Section 80CCD के तहत आप एन.पी.एस.(नेशनल पेन्शन स्किम) में इनवेस्ट करके अपना टेक्स बचा सकेत है।

आशा है की आपको हमरा Income Tax के बारे में यह ब्लोग बहुत पसंद आया होगा, ओर ईस ब्लोग की मदद से आपको Income Tax के बारे में काफी जानकारी भी मीली होगी। अगर आपको यह ब्लोग पसंद आया है तो ईसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेर कीजिएआ।

आपने हमारा ब्लोग ईतने ध्यान से पढ़ा ईसके लीये आपका बहूत-बहूत धन्यवाद। 

 FAQ

Ques-1 इनकम टैक्स कब देना पड़ता है?


Ans:- आप की इनकम अगर सालाना 5,00,000 से ज्यादा है तो आपको इनकम टेक्स देना पड़ता है।


Ques-2 हर महीने सैलरी से इनकम टैक्स क्यों काटा जाता है?


Ans:- सरकार को देश के विकास के लीये खर्च करना पडता है  इन खर्चो को करने के लीेये सरकार
           को आय का एक स्त्रोत चाहीये जो इनकम टैक्स के रुप मे सरकार को प्राप्त होता है।
 

Ques-3 भारत में कितनी आय कर मुक्त है?


Ans:- भारत मे 2,50,000 से नीचे की आय कर मुक्त है।

रविवार, 4 सितंबर 2022

Microsoft Word Practice Template



Word Practice

दोस्तो अगर आप  Microsoft Word शीख रहे है,ओर आपको प्रेकटीस के लीये कोई मटीरीयल चाहीए तो आप बीलकुल सही जगह पर आये है। यहाँ पर हमने  Microsoft Word मे प्रेकटीस के लीये कुछ Templet दीए है जीस से आप Microsoft Word मे ईस Templet की मदद से प्रेकटीस कर सकते है। आपको ईस Templet के बारे मे कोई भी सवाल हो तो आप कोमेन्ट बोक्स में कोमेन्ट कर के हमको पुछ सकते है हम जरूर आपके सवाल का जवाब देनी की कोशीस करेगें।


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NSFQ

Nsfq Theory Paper-1

https://forms.gle/bENkC5Jd1Ky6Tgyn7




शुक्रवार, 24 जून 2022

TCS kya hai


 TCS kya hai

TCS kya hai ?

TCS kya hai

क्या है TCS?

क्या आप जानते है Tax Collected at Source kya hai ? TCS- का पुरा नाम टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स है. इसका मतलब स्रोतयानी के आप को होने वाली इनकम पर काटा गया टेक्स। TCS का भुगतान सेलर, डीलर, वेंडर, दुकानदार की तरफ से किया जाता है। कोई भी सामान बेचनेवाला जो सामान खरीद रहा है उसके पास से TCS वसुल करता है, ओर बाद मे इसे गर्वरमेन्ट में जमा कराने की जीम्मेदारी जीसने माल बेचा है उस की होती है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 206C में इसे कंट्रोल किया जाता है। कुछ खास तरह के माल-सामान को बेचने वाले ही इसे कलेक्‍ट कर शकते हैं। इस तरह का सामान जैसे के टिंबर, वुड, स्‍क्रैप, मिनरल, तेंदु पत्‍ते, सोने की केश खरीदी, मोटर विहीकल वगेरा का सुमार कीया जाता हैं। TCS मे टैक्‍स तभी काटा जाता है जब पेमेंट एक तय सीमा से ज्‍यादा होता है।

TCS सरकार ने Vehicle पर पर भीलागू किया है। CBDT के नए guidelines के अनुसार customer जब 10 लाख से अधिक की गाड़ी की ख़रीददारी करता है तो उसको गाडी की कीमत का 1% Tax के रूप में चुकाना होगा। या फिर कोई व्यक्ति 2 लाख से ज्यादा पैसा cash देकर किसी vehicle को खरीदता है, तो भी उसमे 1% TCS देना होगा।

TCS को गर्वमेन्टं मे जमा करवा ने की जवाब दारी जो माल बेचता है उसकी होती है। इसी तरह कोई व्यक्ति लाखो का सोना खरीदता है यदि कोई व्यक्ति 5 लाख से अधिक के gold की ख़रीददारी करता है, तो उस व्यकित को भी TCS 1% देना होगा। TCS Maximum 5% तक हो सकता है।

एक अक्टूबर से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट Tax Collected at Source  के लीये नया नियम जारी किया है। इस नियम के मुताबिक, किसी भी ई-कॉमर्स ऑपरेटर को यह अधिकार दिया गया है है कि वह एक अक्टूबर से गुड्स और सर्विस की बीक्री पर 1% TCS काट सकता है।

Government of India ने विदेश में पैसे भेजने पर टैक्‍स वसूलने के लीये 1 अक्‍टूबर 2020 से एक नियम लागू कीया है। इस नियम के अंतगत आप विदेश में पढ़ रहे अपने बच्‍चे को 7,00,000 लाख से ज्यादा पैसा भेजते हैं या किसी रिश्‍तेदार को 7,00,000 लाख या उस्से ज्यादा रकम भेजते हैं तो भेजी गई रकम पर 5% TCS-Tax Collected at Source  का भुगतान करना होगा.

Read More:- Income Tax kya hai

क्या TCS का कोई प्रमाणपत्र होता है?

जब भी कोई टेक्स वसुल करने वाला अपना Quarterly TCS return  जो  फॉर्म 27EQ के रूप मे होता हे यह फोर्म जब टेक्स वसुल करनेवाला submit करता है। तब उसको अपने सामान के खरीददार को TCS हो जाता है।

Form 27D TCS return भरने के लिए नीचे दी गई details आवश्यक होती है।

Form 27D TCS return मे समान बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों व्यक्तियों का नाम लीखना जरूरी है।

Buyer और seller की Pan Card की डीटेल ओर Pan Card नंबर देना आवश्यक है।

Tax जीस दिन collect किया गया है उसकी भी detail देनी पडेगी।

जो भी Quarterly TCS return भरता है उस seller का TAN नंबर लीखना आवश्यक है।

Seller ने जितना भी tax collect किया है उसकी पूरी detail देनी पडेगी।


Rate on TCS (Tax Collected at Source)

Goods & Services Rate on TCS

Rate

Liquor of alcoholic nature, made for consumption by humans

1%

Timber wood under a forest leased

2.5%

Tendu leaves

5%

Timber wood by any other mode than forest leased

2.5%

Forest produce other than Tendu leaves and timber

2.5%

Scrap

1%

Minerals like lignite, coal and iron ore

1%

Purchase of Motor vehicle exceeding Rs.10 Lakhs

1%

Parking lot, Toll Plaza and Mining and Quarrying

2%

Sales of Car (old & new above 10 Lakhs

1%

Providing any services (above 2 Lakhs)

1%

Sales of any Goods in cash (above 2 Laksh)

1%

अभी तक आपने समजा के TCS क्या है? TCS कोन काट सकता है? ओर TCS का रेट क्या होता है। अब हम Tally Prime में TCS की एन्ट्ररी केसे करते है यह शीखेगें।

TCS (Tax Collected at Sour e) की एन्ट्ररी हम एक उदाहरण से शीखने का प्रयास करते है।

उदा.1 नईम ने मोईझ को 1,00,000 रुपये का स्कैप बैचा, अब उस्की एन्ट्री हमे Tally Prime मे करनी है।

Tally Prime में TCS की एन्ट्ररी करने के लीये आपको नीचे दीये गए स्टेप फोलो करने है।

Step-1 Create / Open Company

Step-2 Enable GST

Step-3 Enable TCS

Enable TCS


जेसे ही आप Enable Tax Collected  at Source (TCS) को Yes करेगें आपक को नीचे दी गई स्किन दीखाई देगी, ओर उसमे दी गई डीटेल आपको       भरनी है।

Enable Tax Collected  at Source

Step-4 Create Ledger यहां आपको TCS on Purchase नाम का Ledger बनाना है ओर Under:- Current Assets डालना है, क्युकी जबभी हम साल के अंत मे हमारा ITR फाइल करेंगे यानी के Tax Pay करेगें तो हमारा जो TCS है वह हमे वापस मील जायेगा। ईसलीये हम TCS on Purchase नाम के Ledger का Under Group Current Assets रखेगें।


Create Ledger

अब TCS on Purchase के Ledger में Current Assets के Under Group में CTRL + Enter Press करना है। CTRL + Enter Press करते है नीचे दीया गया मेनु खुलेगा। जीस मे आपको Use for Calculation (for example: taxes, discounts) वाला ओप्शन Yes करना है।

Current Assets

Use for Calculation (for example: taxes, discounts) वाला ओप्शन Yes करते है आपको Tcs on Purchase ledger में  आपके सामने एक ओप्शन आ जायेगा Percentage of Calculations उसमे आपको 1% डालना है। Method of Calculation मे On Total Sale डालना है ओर, Rounding Method मे Normal Rounding डालना है, ओर GST का Option Not Applicable रखना है।
TCS on Purchase

अब आपको एक दुसरा Ledger बनाना है नईम के नाम का बनाना है जो बेचने वाला है ओर उसका Under Group:- Sundry Creditor डालना है, ओर TCS Applicable option को No रखना है, ओर उसका GST Number Fill करना है।

Sundry Creditor


अब आपको Purchase का Ledger बनाना है वेसे ही जैसे रेग्युलर बनाते है।

Step-5 Create Inventory यहा पर आपको पहेले Group बनाना है।

Scrap

Step-6 
अब Unit Create करे।

KGS

अब Stock Item Create करना है Aluminum Scrap नाम की Stock Item  बनानी है,जीसका   Under  Scrap ओर Units  KGS देना है।

Aluminum Scrap


GST Applicable मे Applicable, Set/Alter GST Details मे Yes दे कर नीचे दी गई Image देखकर HSN Code ओर GST के Percentage डालने है।

GST Applicable

Step-6 अब आपको Purchase Voucher मे जाकर Purchase की एन्ट्ररी करनी है।

Purchase Voucher

Step-7 ईसी तरह आपको Sales की Entry भी करनी है।

ईस ब्लोग की मदद से हमने यह शीखा के हम Tally Prime TCS (Tax Collected at Source) की एन्ट्ररी कैसे करतै है, अगर आपको TCS (Tax Collected at Source) कोई भी सवाल हे तो आप Comment box में Comment कर के पुछ शकते हो मे आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशीश करूगाँ।


FAQ

1. TCS कब काटा जाता है?

Ans :- जब आप कीसी को कुछ माल बेचते है तो उसका पेमेंन्ट आपको लेना होता है, तब आप बेचे गए माल की कुल कीमत में TCS की रकम जोड कर पेमेंन्ट लेते है। इस तरह जब पेमेंन्ट लीया जाता है तब पेमेन्ट करनेवाली पार्टी का TCS काटा जाता है।

2. TCS क्या होता है?

Ans:- TCS- का पुरा नाम टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स है. इसका मतलब स्रोतयानी के आप को होने वाली इनकम पर काटा गया टेक्स। TCS का भुगतान सेलरडीलरवेंडरदुकानदार की तरफ से किया जाता है। कोई भी सामान बेचनेवाला जो सामान खरीद रहा है उसके पास से TCS वसुल करता है, ओर बाद मे इसे गर्वरमेन्ट में जमा कराने की जीम्मेदारी जीसने माल बेचा है उस की होती है।

3. TDS और TCS में क्या अंतर है?

Ans:- TDS में कीसी पार्टी को पेमेंन्ट करते समय कुल रकम में से TDS की रकम बाद करके पेमेंन्ट कीया जाता है। TCS में पेमेन्ट लेते समय कुल रकम में TCS की राशी जोड कर TCS का पेमेंन्ट लीया जाता है।

4. कितनी सैलरी पर टीडीएस कटता है?

Ans:- अगर कीसी कर्मचारी की सैलीरी 2,50,000 से ज्यादा है तब उसकी सैलरी में से टीडीएस काटा जाता है।